Bekhayali (Arijit Singh Version) - Arijit Singh Lyrics


बेखयाली में भी तेरा ही ख्याल आये
क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आये
तेरी नज़दीकियों की ख़ुशी बेहिसाब थी
हिस्से में फासले भी तेरे बेमिसाल आये

मैं जो तुमसे दूर हूँ
क्यूँ दूर मैं रहूँ?
तेरा गुरुर हूँ
आ तू फासला मिटा
तू ख्वाब सा मिला
क्यूँ ख्वाब तोड़ दूँ?

बेखयाली में भी तेरा ही ख्याल आये
क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आये
थोड़ा सा मैं खफा हो गया अपने आप से
थोड़ा सा तुझपे भी बेवजह ही मलाल आये

है ये तड़पन, है ये उलझन
कैसे जी लूँ बिना तेरे
मेरी अब सब से है अनबन
बनते क्यूँ ये खुदा मेरे

ये जो लोग-बाग हैं
जंगल की आग हैं
क्यूँ आग में जलूँ?
ये नाकाम प्यार में
ख़ुश हैं हार में
इन जैसा क्यूँ बनूँ?

रातें देंगी बता
नीदों में तेरी ही बात है
भूलूँ कैसे तुझे
तू तो ख्यालों में साथ है

बेखयाली में भी तेरा ही ख्याल आये
क्यूँ बिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आये

नज़रों के आगे हर एक मंज़र
रेत की तरह बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा बदन में मेरे
ज़हर की तरह उतर रहा है

नज़रों के आगे हर एक मंज़र
रेत की तरह बिखर रहा है
दर्द तुम्हारा बदन में मेरे
ज़हर की तरह उतर रहा है

आ ज़माने आज़मा ले रूठता नहीं
फासलों से हौसला ये टूटता नहीं
ना है वो बेवफा और ना मैं हूँ बेवफा
वो मेरी आदतों की तरह छूटता नहीं

Bekhayali (Arijit Singh Version) lyrics !!!