बेखयाली में à¤à¥€ तेरा ही खà¥à¤¯à¤¾à¤² आये
कà¥à¤¯à¥‚ठबिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आये
तेरी नज़दीकियों की ख़à¥à¤¶à¥€ बेहिसाब थी
हिसà¥à¤¸à¥‡ में फासले à¤à¥€ तेरे बेमिसाल आये
मैं जो तà¥à¤®à¤¸à¥‡ दूर हूà¤
कà¥à¤¯à¥‚ठदूर मैं रहूà¤?
तेरा गà¥à¤°à¥à¤° हूà¤
आ तू फासला मिटा
तू खà¥à¤µà¤¾à¤¬ सा मिला
कà¥à¤¯à¥‚ठखà¥à¤µà¤¾à¤¬ तोड़ दूà¤?
बेखयाली में à¤à¥€ तेरा ही खà¥à¤¯à¤¾à¤² आये
कà¥à¤¯à¥‚ठबिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आये
थोड़ा सा मैं खफा हो गया अपने आप से
थोड़ा सा तà¥à¤à¤ªà¥‡ à¤à¥€ बेवजह ही मलाल आये
है ये तड़पन, है ये उलà¤à¤¨
कैसे जी लूठबिना तेरे
मेरी अब सब से है अनबन
बनते कà¥à¤¯à¥‚ठये खà¥à¤¦à¤¾ मेरे
ये जो लोग-बाग हैं
जंगल की आग हैं
कà¥à¤¯à¥‚ठआग में जलूà¤?
ये नाकाम पà¥à¤¯à¤¾à¤° में
ख़à¥à¤¶ हैं हार में
इन जैसा कà¥à¤¯à¥‚ठबनूà¤?
रातें देंगी बता
नीदों में तेरी ही बात है
à¤à¥‚लूठकैसे तà¥à¤à¥‡
तू तो खà¥à¤¯à¤¾à¤²à¥‹à¤‚ में साथ है
बेखयाली में à¤à¥€ तेरा ही खà¥à¤¯à¤¾à¤² आये
कà¥à¤¯à¥‚ठबिछड़ना है ज़रूरी ये सवाल आये
नज़रों के आगे हर à¤à¤• मंज़र
रेत की तरह बिखर रहा है
दरà¥à¤¦ तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ बदन में मेरे
ज़हर की तरह उतर रहा है
नज़रों के आगे हर à¤à¤• मंज़र
रेत की तरह बिखर रहा है
दरà¥à¤¦ तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ बदन में मेरे
ज़हर की तरह उतर रहा है
आ ज़माने आज़मा ले रूठता नहीं
फासलों से हौसला ये टूटता नहीं
ना है वो बेवफा और ना मैं हूठबेवफा
वो मेरी आदतों की तरह छूटता नहीं