धूप जब सताà¤
आà¤à¤šà¤² से ढक लेती हो
चोट जब à¤à¥€ आà¤
संग मेरे रो देती हो
ताबीज़ जो मैं निकाल दूà¤
परेशां हो जाती हो तà¥à¤®
किसी की बà¥à¤°à¥€ नज़र लग जाà¤à¤—ी
पà¥à¤¯à¤¾à¤° से बताती हो तà¥à¤®
ओ माठयाद आती हो
ओ माठयाद आती हो
ओ माठयाद आती हो
कहना तेरा जो ना मानूà¤
इक अजीब सा दरà¥à¤¦ होता है
आà¤à¤–ें à¤à¤²à¥‡ ही ना रोयें
पर दिल ये मेरा रोता है
मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ फिकर तेरी है माà¤
पर मैं कहता नहीं
तेरा यूठचà¥à¤ª रहना माà¤
अचà¥à¤›à¤¾ मà¥à¤à¥‡ लगता नहीं
ओ माठयाद आती हो...